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Silly friends story- मूर्ख दोस्तों की कहानी.
Silly friends story- मूर्ख दोस्तों की कहानी.
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मुन्ना, किरण,
मनोज, केशव बचपन के बहुत अच्छे दोस्त थे। उन
चारों के पिताजी बहुत बिजनेस वाले थे। उनके पास पैसों की कोई कमी नहीं थी। लेकिन
उन चारों में से। किसी एक का भी पढ़ाई में मन नहीं लगता था। सिर्फ खाते और सोते
इधर-उधर घूमते। इसी में पूरा वक्त बिताया करते थे। एक दिन किरण बोला चलो हम एक
फिल्म बनाते हैं। रितिक रोशन की। तो मुन्ना बोला अरे फिल्म को छोड़ो। कल के एग्जाम
का क्या होगा। तो सब बोले अरे हां हम तो एग्जाम के बारे में भूल ही गए थे। तो
उनमें से एक ने कहा। हमने तो दस दिन से किताब उठाकर देखी ही नहीं है। तो उनमें से
दूसरे ने कहा मुझे तो। बहुत डर लग रहा है। अब जल्दी-जल्दी चारों पेपर की तैयारी
करने लगते हैं। तो उनमें से एक बोला। अगर टीचर ने मेरे पापा से शिकायत कर दी। तो
मेरी फिल्म घर पर ही बन जाएगी। तो दूसरा कहता है।
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मेरे पापा तो। मेरा पॉकेट मनी
बाइक सब कुछ बंद कर देंगे। तो उनमें से एक ने कहा। क्यों इतना परेशान हो रहे हो।
जब तक तुम्हारे साथ मनोज है। तब तक तुम्हें कुछ नहीं होगा। और वो चारों एग्जाम के
लिए। बिल्कुल रेडी नहीं थे। वो एग्जाम से बचने के लिए। नए तरीके ढूंढने लगे। तो
उनमें से किरण ने कहा। एक तरीका है। एग्जाम से बचने का। तो सब बोले कौन सा। तो
किरण कहता है। चलो मेरे साथ। चारों एक मैदान में जाते हैं। जहां बहुत सारा कीचड़
पड़ा हुआ है। तो उनमें से एक ने कहा। तुम हम सब को यहां क्यों लाए हो। हमें
बैडमिंटन नहीं खेलना है। तो किरण कहता है चुप रहो। ये कीचड़ देख रहे हो। इसे अपने
अपने कपड़ों पर लगा लो। तो वो सब कहने लगे। तेरा दिमाग तो नहीं खराब है। यह कीचड़
हम अपने ऊपर नहीं लगाए गे। किरण कहता है अरे लगाओ तो सही। उसके कहने पर।
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चारों
अपने कपड़ों पर कीचड़ लगा लेते हैं। अब पसीने से लथपथ और गंदी हालत में। चारों
अपने टीचर के वहां पहुंच जाते हैं। जब टीचर ने देखा तो कहा। यह क्या हालत हो गई है।
तुम्हारी सबकी। तो उनमें से एक ने कहा। सरजी हम अपनी बीमार दादी को। देखने गए थे।
और जब उधर से लौट रहे थे। तब हमारी कार का टायर फट गया। और वो कीचड़ में फंस गई।
उसमें धक्का लगाते हुए अभी सर में पहुंचे हैं। तो टीचर ने कहा। लेकिन तुम घर जाने
के अलावा। यहां क्यों आए हो। तो चारों बोले हमने एग्जाम की पूरी तैयारी नहीं की है।
तो टीचर बोले ठीक है। तुम चारों दो दिन के बाद एग्जाम दे देना। तो वो चारों बहुत खुश
हो गए। और घर जाकर एग्जाम की तैयारी की। और दो दिन के बाद। चारों एग्जाम देने
कक्षा में पहुंच जाते हैं।
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टीचर ने। चारों को अलग-अलग कच्छा में बिठाया। अब वह
चारों घबरा जाते हैं। लेकिन पेपर हल करने लगते हैं। पेपर में सिर्फ दो ही प्रश्न थे।
पहला तुम्हारा पूरा नाम। दूसरा कार का कौन सा टायर फट गया था। आगे का राइट आगे का
लेफ्ट। पीछे का राइट पीछे का लेफ्ट। चारों सोचने लगे अब क्या लिखें। उन चारों को
अपनी गलती का अफसोस होता है। और जब टीचर कक्षा के बाहर। उनसे मिलते हैं। तो पूछा
कैसा रहा पेपर। तो चारों ने कहा। सर जी हमें माफ कर दो। अब हम कभी भी झूठ का सहारा
नहीं लेंगे। तो टीचर ने कहा। ठीक है। अपनी गलती की जिम्मेदारी लोगे। तो जिंदगी में
बहुत आगे बढोगे। वरना जिंदगी तुम को सबक सिखा देगी।