Monday, December 16, 2019

Greedy servant- लालची नौकर।

 Greedy servant- लालची नौकर।
Google images
यह कहानी एक बहुत छोटे गांव की है।  एक गांव में शांताराम और शांताबाई के नाम के दो लोग रहते थे। और उनका एक बेटा भी था। जिसका नाम श्याम था। नौकरी शहर में होने के कारण बेटा घर पर नहीं रुकता था। एक दिन श्याम ने अपने माता पिता से कहा। कि तुम भी हमारे साथ शहर चलो। हम सब लोग वहीं पर साथ रहेंगे। शांताराम बोले नहीं बेटा हमें शहर में नहीं रहना। मुझे यह खूबसूरत गांव को छोड़कर कहीं पर भी नहीं जाना। यहीं पर हमारे सारे रिश्तेदार हैं। और यहीं पर हम रहेंगे। श्याम कहता है तुम हमारे साथ चलते तो अच्छा होता। तो शांताराम कहता है। बेटा तुम हमारी फिक्र मत करो। हम यहां पर आसानी से रहेंगे। और हमारे पास हमारा नौकर रामू भी तो है। जो हमारी पूरी देखभाल करेगा। और तुम अपनी नौकरी के बारे में सोचो। और अपना भी ख्याल रखना। और हमारा आशीर्वाद तुम्हारे साथ है। अपने माता-पिता का आशीर्वाद लेकर श्याम शहर की ओर चला गया। अब उस घर में केवल शांताराम और शांताबाई और उनका नौकर रहते थे।
 Greedy servant- लालची नौकर।
Google images
रामू घर का पूरा काम करता था साफ-सफाई पानी भरना। इसके अलावा वो घर का खाना भी बनाता था। रामू कई सालों से उनके पास काम कर रहा था। इसीलिए शांताराम और शांताबाई उस पर पूरा विश्वास करते थे। रामू दोनों लोगों की खूब सेवा करता था। इसके बाद अपने घर चला जाता है। और जब रामू घर जाता है। तब उसकी पत्नी कहती है। आजकल तुम्हें आने में बहुत देर हो जाती है। तो रामू कहता है। क्या करूं आजकल पूरा काम हमें ही  करना पड़ता है। उनका बेटा तो शहर चला गया। अब वो दोनों अकेले ही हैं। तो रामू की पत्नी बोली क्या बिल्कुल अकेले हैं। तो रामू बोला हां बिल्कुल अकेले हैं। तो रामू की पत्नी बोली अगर वो घर में अकेले हैं। तो वहां से कुछ अच्छा खाना बना कर ले आया करो। उनको क्या मालूम होगा। बहुत दिनों से अच्छा खाना नहीं खाया है। तो रामू बोला ठीक है। कल जरूर लाऊंगा। दूसरे दिन जब रामू काम पर गया। तब उसने पूरा काम किया। और बाद में उसने अपनी पत्नी के लिए अच्छे से अच्छे खाने बनाएं।

 Greedy servant- लालची नौकर।
Google images
और अपने घर ले आया। यह सिलसिला काफी दिनों तक चलता रहा। और देखते ही देखते रामू की पत्नी का लालच बहुत ज्यादा बढ़ गया। उसने खाने के अलावा घर की भी चीजें चुराने को कहा। एक दिन रामू ने चम्मच चुराया। और दूसरे दिन लोटा चुराया। और तीसरे दिन कोई और चीज चुराई। ऐसा कुछ दिनों तक चला। एक दिन शांताराम हर रोज की तरह घर आए। और अपना लोटा ढूंढने लगे। और रामू से पूछा। हमारा लोटा क्या हुआ। तो रामू बोला मुझे क्या मालूम। आप का लोटा क्या हुआ। यहीं कहीं पडा होगा। और दूसरे दिन शांताबाई चम्मच ढूंढ रही थी। लेकिन उन्हें भी वह चम्मच नहीं मिला। तब शांताबाई ने कहा। जरूर कुछ गड़बड़ है। इतनी चीजें अपने आप कहां जा सकती हैं। शांताबाई शांताराम से कहती हैं। हमारे वहां की एक एक वस्तु गायब हो रही है। जरूर कुछ ना कुछ गड़बड़ है। तो शांताराम भी कहते हैं हां कुछ तो गड़बड़ है। और दूसरे दिन शांताराम बाहर जाता है। और एक डिब्बे में तीन चार बिच्छू पकड़कर ले आता है। और रामू को दे देता है। और उससे कहता है। इसमें कुछ सोने के जेवर हैं। इसे हमारे बिस्तर के पास रख दो।

 Greedy servant- लालची नौकर।
Google images
इन्हें कल बैंक ले जाकर जमा करना है। ताकि यह चोरी ना हो जाए। रामू ने डब्बा रख तो दिया। लेकिन जब तक काम किया तब तक उस डिब्बे को ही देखता रहा। और वो दोनों सो जाते हैं। और जब रोज की तरह रामू ने काम कर डाला तो। धीरे-धीरे सांताबाई और शांताराम के बिस्तर के पास आकर उस डिब्बे को खोला। और जब उसमें से निकले बिच्छू। तो रामू बहुत जोर से चिल्ला उठा। शांताबाई और शांताराम जाग पड़े। और उन्होंने बिच्छू को डिब्बे में बंद कर दिया। शांताराम कहता है। मुझे पूरा विश्वास था। कि तुम चोरी कर रहे हो। लेकिन हम तुमको सबक सिखाना चाहते थे। तुमको क्या लगता है। हम बूढ़े हो गए हैं। हमें कुछ नहीं पता चलेगा। मैं तो पहले से ही समझ गया था। कि तुम खाना ले जाते थे। तो मैंने सोचा  क्या हुआ। खाना ही तो है। लेकिन तुम्हारा लालच दिन पर दिन बढ़ता गया। तुम घर की चीजें भी चुराने लगे। शर्म आनी चाहिए तुम्हें। जिस थाली में खाते हो उसी में छेद करते हो। रामू को अपनी गलती का अफसोस हुआ। और रामू रोने लगा।

शिक्षा लालच करना बुरी बला है। लालच का रास्ता हमेशा बुराई की ओर जाता है।