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एक फल बेचने वाला आदमी था। जिसका नाम सोमेश्वर था। सोमेश्वर हर रोज मंडी से केले लाकर बस स्टॉप पर ठेले पर रख कर बेचता था। हर रोज की तरह। एक दिन सोमेश्वर अपने केलों को बेच रहा था। और तभी उसके ठेले पर एक उड़ता हुआ तोता आया। और वह उसके ठेले पर बैठ गया। उस तोते के मुंह में एक बीज था। तोते ने वो बीज सोमेश्वर के सामने रख दिया। तो सोमेश्वर सोचता है। मैं इस बीज को क्या करूंगा। मैं तो इन केलो को बेचता हूं। तो सोमेश्वर बोला। तोते महराज। आप इस बीज को जाकर। किसी किसान को दो। मै तों केले बेचता हूं। तो उस तोते ने सोमेश्वर से कहा। यह जो तुम बीज देख रहे हो। यह कोई साधारण बीज नहीं है।
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मैं इस बीज को बोना चाहता हूं। इस बीच से एक केले का पेड़ उगेगा। जिसमें से सोने के केले निकलेंगे। तो सोमेश्वर कहता है। ठीक है। मैं इस बीज को अपने आंगन में बो देता हूं। सोमेश्वर ने तोते की बात पर विश्वास तो नहीं किया। लेकिन उस बीज को अपने आंगन में बो दिया। और उसमें रोज पानी डालने लगा। वह तोता रोज बीज को। पौधा बनता हुआ देखने आता था। और वह एक दिन बीज का छोटा पौधा बन गया। और थोड़े दिनों बाद ही। उस पर अच्छे-अच्छे सोने के खेलने आ गए। और वह तोता। अब उसी पर आकर रहने लगा। जब सोमेश्वर ने सोने के केले देखे तो। उसे लालच आ गया। और तब उसने तोते से कहा। तोते महराज तुमने तो बिल्कुल सच कहा था। यह तो वाकई में सोने के केले देने वाला पेड़ है। तो तोते ने कहा। इसकी देखभाल तो तुमने ही की है।
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अब तुम हर रोज एक केला ले जा सकते हो। इससे तुम अब कभी गरीब नहीं होगे। सोमेश्वर अब हर रोज एक सोने का केला तोड़कर बाजार में बेचता। और उसे बहुत पैसे मिलते। थोड़े दिनों के बाद सोमेश्वर का लालच बढ़ गया। और एक केले के अलावा वह तमाम केले पाना चाहता था। ओ एक दिन सोचता है। जो अगर यह तोता मर जाए तो यह पेड़ मेरा हो जाएगा। और मैं बहुत ज्यादा अमीर हो जाऊंगा। इसके लिए हमें इस तोते को रास्ते से हटाना पड़ेगा। समय पाकर एक दिन उसने उन केलो के ऊपर जहर लगा दिया। और कहता है यह केले अब थोड़ी देर में मेरे हो जाएंगे। तोता ए सारी बातें सुन लेता है। और वह कहता है।
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तुमको सभी केले चाहिए। लालची कहीं के। तुमको यह बात नहीं मालूम। अगर मैं कहीं चला गया। या मर गया। तो इस पेड़ के सारे केले काले हो जाएंगे। वो मै ही हूं। जो तुमको सोने के केले दे रहा हूं। लेकिन तुम्हारा लालच बढ़ गया है अब हमें यहां से जाना ही होगा। यह सब कह कर तोता वहां से उठ जाता है। और सारे पेड़ के केले काले हो जाते हैं। अब सोमेश्वर कहता है। यह मैंने क्या कर दिया। मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई। उसे अपनी गलती का अफसोस होता है।