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एक गांव में एक श्याम नाम का आदमी रहता था। वह पैसा कमाने के लिए बहुत सारी चीजें बेचता था। जैसे चूड़ी ,खिलौने ,सब्जियां। मगर श्याम को किसी भी काम में फायदा नहीं हुआ। बल्कि सभी कामों में श्याम का घाटा ही हुआ। फिर श्याम ने एक नया काम शुरू कर दिया। गांव के स्कूल के बाहर। अपनी पानी पूरी की दुकान लगा ली। जैसे ही स्कूल में छुट्टी हो वह कहने लगता। आओ बच्चों आओ ताजी-ताजी पानी पूरी खाओ। स्कूल के सारे बच्चे। श्याम के ठेले के पास आकर। पानी पूरी खाने लगते थे। श्याम की पानी पूरी की दुकान। बच्चों का रोज का ठिकाना हो गया। श्याम बहुत अच्छी-अच्छी बातें करके। बच्चों से बहुत सारी बातें जान लेता था। कहता कि कल कौन-कौन चटपटी पानी पूरी खाएगा। तो सारे बच्चे कहने लगते मैं खाऊंगा-मैं खाऊंगा।
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फिर दीपक नाम का एक लड़का था। उसको श्याम ने एक पानी पूरी की पेलिया दी। और बोला दीपक बेटा आज तुम बहुत खुश हो। तो दीपक बोला मैं आज बहुत खुश हूं। क्योंकि मेरी मां ने आज मुझको सोने की एक चैन दी है। श्याम ने जैसे ही वह सोने की चैन देखी। उसकी आंखें भर आई। उस दिन श्याम ने दीपक को। चटपटी पानी पूरी खूब खिलाया। और फिर दीपक कहने लगा। बस करो भैया मेरा पेट भर गया है। कितने पैसे हुए। तो श्याम बोला सिर्फ सौ रुपए। तो दीपक बोला मेरे पास तो सिर्फ बीस रुपए है। तो श्याम बोला। तुम मुझको अपनी चैन दै दो। मैं तुमसे बाकी के रुपए नहीं लूंगा। उस मासूम दीपक ने सोने की चैन। श्याम को दे दी। इसी तरह श्याम बच्चों की कीमिती चीजें लेकर। बच्चो को बेवकूफ बनाता रहा। एक दिन दीपक स्कूल से घर जा रहा था।
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तभी श्याम ने उसे रोका और कहा। अरे दीपक। आज बिना पानी पूरी खाए घर जा रहे हो। तो दीपक बोला। आज हमें हमारी मम्मी ने पैसे नहीं दिए है। इसी लिए मैं पानी पूरी नही खाऊगा। तो श्याम बोला। जो अगए तुम्हारी मां पैसा नहीं दिया करें। तो तुम पैसे चुरा लिया करो। इससे तुम बहुत सारी पानी पूरी खा सकते हो। श्याम की भड़काव बातें। दीपक के मन में बैठ गई। और दूसरे दिन दीपक पैसा चुरा रहा था। तभी उसकी मम्मी ने। उसे पैसा चुराते हुए पकड़ लिया। तो दीपक डर गया। और कहने लगा मुझसे उस पानी पुरी वाले भैया ने कहा था। कि पैसा चुरा लिया करो। उसकी मम्मी ने पूछा। तुम्हारी सोने की चैन कहां है। तो दीपक ने कहा उस चैन को। तो मैंने पानी पूरी वाले भैया को दै दी। तो दीपक की मां बोली। बेटा तुम्हें पता है। कि चोरी करना गलत बात है। दीपक की बातें सुनकर उसकी मां को बहुत गुस्सा आया। फिर दूसरे दिन दीपक जब पानी पूरी खाने गया।
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तो श्याम ने हमेशा की तरह उसे पानी पूरी खाने को कहा। ये लो एक और पानी पूरी की पेलियां। और बताओ दीपक तुमने पैसा चुराया। तो दीपक ने कहा हां भैया यह देखो। तो दीपक के पास दो हजार रुपए थे। दो हजार रुपए देखकर श्याम की आंखें बड़ी हो गई। और कहने लगा बहुत अच्छे। कल जब तुम्हारी मां और पैसे रखे तो। तुम उनको भी चुरा लेना। इससे तुम बहुत सारी पानी पूरी खा सकते हो। तभी दीपक की मां आ गई। और कहां अच्छा तुम हो पानी पूरी वाले। जो मासूम बच्चों को पानी पूरी खिलाकर उनसे अच्छी-अच्छी चीजें लेते हो। तो श्याम ने कहा हमें माफ कर दो। और यह लो अपनी सोने की चैन और ये लो अपने पैसे मगर हमें छोड़ दो। मैं यहां से कहीं दूर चला जाऊंगा। तो दीपक की मम्मी बोली तुमको पुलिस से पकड़वा ही देना चाहिए। ताकि तुम ये गलत हरकत किसी और बच्चे के साथ नहीं कर सको।
शिक्षा: चाॅलाक इंसान को उसके कर्मों का फल जरूर मिलता है।