Saturday, December 28, 2019

Story of foolish Pandit Panchatantra- मूर्ख पंडित पंचतंत्र की कहानी।

 Story of foolish Pandit Panchatantra- मूर्ख पंडित पंचतंत्र की कहानी।
Google images
एक गांव में सोमेश्वर नाम का एक गरीब ब्राह्मण रहता था। सोमेश्वर मां दुर्गा का भक्त था। एक बार उसने अपने गुरु की आज्ञा से। दुर्गा मां की तपस्या करने का फैसला किया। और वह एक जंगल में चला गया। एक बहुत बड़े पेड़ के नीचे एक पैर पर। खड़ा होकर तपस्या करने लगा। बहुत दिन हो गए। बहुत धूप बारिश तेज हवा इन सब का सामना करते हुए। वह उसी जगह पर वैसे ही खड़ा रहा। और उसने अपनी तपस्या को भंग नहीं होने दिया। उसकी यह भक्ति देखकर मां दुर्गा उस पर प्रसन्न हो गई। और उसको दर्शन दिया। देवी ने कहा। बोलो तुम को क्या चाहिए। तो ब्राह्मण बोला मैं तुम्हारे दर्शन से ही धन्य हो गया। अब और क्या मांगू। तो मां दुर्गा ने कहा। मैं तुम्हें एक वरदान दे रही हूं। जो चाहे वह मांग लो। तो ब्राह्मण बोला माता हमें संजीवनी बूटी दे दो।

 Story of foolish Pandit Panchatantra- मूर्ख पंडित पंचतंत्र की कहानी।
Google images
माता ने कहा तथास्तु। मां दुर्गा ने सोमेश्वर को संजीवनी बूटी दे दी। और कहां। ये लो संजीवनी जिस मृत शरीर पर तुम इसका उपयोग करोगे। वह फिर से जीवित हो जाएगा। किसी भी मृत शरीर पर तुम इसके पत्तो का जल। छिडकों गे तो वो फिर से। जीवित होकर पहले से ज्यादा ताकतवर हो जाएगा। और यह संजीवनी बूटी ना तो। कभी चुके गी। ना कभी सूखे गी। या कह कर मां दुर्गा अंतर्ध्यान हो गई। संजीवनी बूटी पाकर सोमेश्वर खुश हो गया। और अपने गांव की ओर चल दिया। रास्ते में वह सोचता है। इसकी सहायता से मैं। मृत्यु पर विजय पा सकूंगा। और अब गांव में किसी के भी घर दुख नहीं होगा। गांव के सारे लोग मेरी प्रशंसा करेंगे। और पूरे गांव भर में मैं प्रसिद्ध हो जाऊंगा। यह भी हो सकता है। कि सारे लोग हमको सरपंच ही ना बना दे।

 Story of foolish Pandit Panchatantra- मूर्ख पंडित पंचतंत्र की कहानी।
Google images
चलते-चलते उसके मन में एक अलग प्रकार का विचार आया। कि कहीं मां दुर्गा ने मेरे साथ मजाक तो नहीं किया है। कहीं ये साधारण से पत्ते तो नहीं है। क्या यह सच में सजीवन बूटी है। यह जानने के लिए हमें कुछ करना ही होगा। सोमेश्वर इधर-उधर कुछ खोजने लगा। और तभी उसको रास्ते मे। एक मृत शेर पड़ा दिखाई दिया। और वह शेर के पास गया। और सोचने लगा। मैं इस संजीवनी का उपयोग। इसके ऊपर करके देखता हूं। अगर यह शेर जीवित हो गया। तो पता चल जाएगा कि यह असली है। और उसने संजीवनी बूटी के पत्तों को मिसकर। उन से निकला हुआ जल। उस मृत शेर के ऊपर छिड़क दिया। जैसे ही उस शेर के ऊपर जल गिरा। वो जिंदा हो गया।

 Story of foolish Pandit Panchatantra- मूर्ख पंडित पंचतंत्र की कहानी।
Google images
और सोमेश्वर बहुत खुश हो गया। कहता है यह तो सच में संजीवनी बूटी है। और वह शेर बहुत बूढा था। शिकार ना मिलने के कारण भूख से मर गया था। संजीवनी से  वह जीवित ही नहीं। बल्कि पहले से ज्यादा ताकतवर हो गया। और वो बड़ी जोर से आवाज लगाता है। सारा जंगल मानो हिलने लगता है। अब सोमेश्वर बहुत डर गया। और कहता है। यह मैंने क्या कर दिया। एक शेर को जीवित कर दिया। अब तो मेरी खैर नहीं। शेर को सामने खड़ा देखकर सोमेश्वर की सिट्टी पिट्टी गुम हो गई। और वह डर कर इधर-उधर भागने लगा। मगर शेर की ताकत के आगे टिक ना सका। शेर उसे मारकर आराम से खा गया।
RL Show

शिक्षा कोई भी काम करने से पहले। उसके परिणामों के बारे में सोचना आवश्यक है।