Wednesday, December 11, 2019

Magical bull story- जादुई बैल की कहानी

Magical bull story- जादुई बैल की कहानी
एक गांव में रामू नाम का एक किसान रहता था वह बहुत मेहनती और ईमानदार था रामू अपनी बीवी  और बच्चे के साथ एक छोटे से घर में रहता था 1 दिन रामू घर से बाजार जाने के लिए निकला और उसके साथ उसका बेटा गोलू भी  रामू गांव से बाहर की ओर जाता है इतने में उसे रास्ते में चंपकलाल मिल जाते हैं रामू और चंपकलाल दोनों एक साथ बाजार जाते हैं थोड़ी देर में ही दोनों बाजार पहुंच जाते हैं बाजार में बहुत भीड़ थी हर तरफ सब्जियों की दुकानें लगी हुई थी वहीं दूसरी तरफ एक बड़ी जगह में बहुत सारे बल खड़े थे और वहां पर काफी भीड़ जमी थी बैल भेजने वाला चिल्ला रहा था बैल लैलो चंपकलाल और रामू उस बैल वाले के पास पहुंचते हैं दोनों बैल को देखते हैं और पूछते हैं एक बैल कितने रुपए का है तो बैल वाला कहता है सिर्फ पाच हजार  में एक बैल तो चंपकलाल एक बैल खरीद लेता है और रामू से कहता है कि तुम भी एक बैल खरीद लो तो रामू ने कहा मेरे पास इतने पैसे नहीं है मेरे पास सिर्फ तीन हजार रुपए हैं


Magical bull story- जादुई बैल की कहानी
चंपकलाल ने कहा तो क्या हुआ मैं तुमको दो हजार रुपए दे देता हूं बाद में हमको लौटा देना तो रामू ने कहा ठीक है रामू ने भी एक बैल खरीद लिया बहुत सुंदर और दिखने में मजबूत लग रहा था और उसके गले में एक घंटी भी लटक रही थी फिर बैल लेकर अपने घर आता है जब उसकी पत्नी बैल को देखती है तो रामू पर बहुत गुस्सा करती है और घर के अंदर चली जाती है
जादुई बैल की कहानी
अब रामू भी उदास बैठा है और उसके बेटे गोलू ने कहा पापा आप यह बैल बेकार में खरीद लाए हो इतना कहकर गोलू बैल की घंटी बजा के चल दिया फिर अचानक उसके सामने रोशनी आई और वहां एक प्लेट लड्डू आ गए गोलू और रामू यह देखकर चौक गए गोलू को लगा कि ए जरूर मंत्र से आया होगा तो रामू समझ गया कि यह सब इस बल से हो रहा है रामू बैल के पास गया और घंटी बजाई कहा एक सब्जियों से भरा थैला आ जाए तो सब्जियों से भरा थैला आ गया रामू अपनी पत्नी को बुलाया और अपनी पत्नी को सारा हाल बताया तो उसकी पत्नी ने घंटी बजाई और कहा बहुत सारा पैसा आ जाए तो पैसे नहीं आए तो रामू समझ गया कि यह बैल हमें सिर्फ जरूरत का ही सामान देगा और इस तरह उनको जिस चीज की आवश्यकता होती थी वे उस बैल से प्राप्त कर लेते थे इस तरह वह गरीब से अमीर हो गए
Magical bull story- जादुई बैल की कहानी

इनको अमीर बना देखकर गांव वाले रामू पर जलने लगे एक जगह उसी गांव में लोग बातें कर रहे थे कि जबसे रामू के पास बैल आया है तब से वह अमीर हो गया है यह सब बातें चंपकलाल सुन रहा था चंपकलाल ने कहा अच्छा तो इसी बैल की वजह से रामू हमसे ज्यादा अमीर हो गया है और एक दिन  चंपकलाल ने रामू के बैल को चुरा लिया उसको रामू और उसकी पत्नी ढूंढ रहे थे तभी उसका लड़का गोलू भागता हुआ आया और कहा पापा मैंने अपने बल को चंपकलाल के वहां देखा है तो रामू गांव के मुखिया को लेकर चंपकलाल के वहां पहुंच गया चंपकलाल बैल देने को तैयार नहीं हो रहा था
जादुई बैल की कहानी
वह कह रहा था कि यह बैल मेरा है मैंने रामू को दो हजार रुपए दिए थे अभी तक रामू ने रुपए नहीं लौटाए तो रामू ने कहा मैं आपके रुपए देता हूं तो चंपकलाल ने सोचा कि मैं बैल को करूंगा क्या सारा जादू तो इस घंटी में है घंटी ले लेता हूं तो चंपक ने कहा ठीक है मुझे बैल नहीं चाहिए घंटी चाहिए तो रामू ने कहा नहीं मैं घंटी नहीं दूंगा तो मुखिया ने कहा रामूआपको यह फैसला मानना होगा रामू ने इस फैसले को मान लिया और खाली बैल को लेकर घर की तरफ चल दिया घर आकर के बैल को बांध दिया और सब उदास बैठे है वह सोच रहा है कि वह फिर से गरीब हो गया है तभी उसके बेटे गोलू ने आकर कहा पापा चावल खत्म हो गए हैं तभी वहां अचानक से रोशनी आई और एक बोरी चावल आ गए फिर सब बहुत खुश हो गए वह सब जादू घंटी में नहीं बैल में था