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एक मिठाई की बड़ी दुकान थी। उस दुकान पर एक छोटी सी मक्खी रहती थी। उस मक्खी को दुकान पर रोज ताजी-ताजी मिठाई खाने को मिलती थी। वह कहती थी अरे वह कितनी अच्छी मिठाई हैं। मुझको बरसात के मौसम में ऐसी मिठाई बहुत अच्छी लगती हैं। और फिर एक दिन मिठाई वाले ने सोचा। कि यह मक्खी रोज दुकान मे आकर मिठाई खा जाती है। यह बहुत परेशान करती हैं। मैं इस मक्खी को कई बाहर दुकान से भगा चुका हूं। मगर फिर भी यह मक्खी बार-बार आ जाती है। और मिठाई खा जाती हैं। व्यापार में बहुत नुकसान हो जाता है। यहां पर इतनी सारी खाने वाली चीजें हैं। मैं यहां पर मक्खी वाली दवा भी नहीं छिड़क सकता। तो मक्खी बोली बड़ा आया हमको भगाने वाला। मुझको इतनी आसानी से कोई नहीं भगा पाता है। तो तुम क्या हमको यहां से भगा पाओगे।
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मक्खी तो सभी दुकान में होती है। तो मैं भी यही रहूंगी। मक्खी रोज ताजी-ताजी मिठाई खाकर बहुत मोटी हो गई। उसको सभी लोग देखकर डरते थे। वो लोग कहते। अरे इतनी मोटी मक्खी दुकान वाले इस मक्खी को। यहां से भगाते क्यों नहीं। तो दुकान वाला बोला हम तो इस मक्खी को रोज भगा देते है। मगर यह मक्खी इतनी नालायक है। यह रोज आ जाती है। जब यह भागती ही नहीं है। तो हम क्या करें। तो एक आदम बोला। इस मक्खी को भगाने के लिए। एक उपाय हैं। पास वाले गांव में। एक जादूगर रहता है। तुम उस जादूगर के जादू से इस मक्खी को कहीं दूर भेज दो। नहीं तो कस्टमर तुम्हारी बुराई करना शुरू कर देंगे। जो अगर एक बार। दुकान बदनाम हो गई। तो दुकान दोबारा अच्छी नहीं चलेगी। तो दुकानदार बोला यह बात तो तुमने सच कही है। फिर दूसरे दिन दुकान का मालिक जादूगर के घर गया।
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तो जादूगर बोला बोलो। मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूं। तो दुकानदार बोला मै आपके लिए मिठाई लाया हूं। तो जादूगर बोला मैंने तो मिठाई नहीं मंगवाई है। तो दुकानदार बोला नहीं भाई यह मिठाई तो मैं अपनी मर्जी से लाया हूं। मुझको आपसे कुछ काम करवाना है आप जादूगर है। इसी लिए मैं तुम्हारे लिए मिठाई लाया हूं। तो जादूगर बोला मै आपका क्या काम कर सकता हूं। तो दुकानदार बोला आपको हमारी दुकान में चलकर अपना जादू चलाना है। मेरे दुकान में एक मक्खी है। वह मेरी बहुत सारी मिठाई खा जाती है। तुम उसको अपने जादू से कहीं दूर भेज दो। तो जादूगर बोला क्या एक मक्खी को भगाना है। तो जादूगर सोचने लगा आज तो बड़ा मुर्गा फसा है। इससे ज्यादा दम लेंगे। तो जादूगर ने कहा देखो मक्खी को भगाने के लिए मुझको जादुई पानी तैयार करना होगा। आप मुझको एक हजार रुपया दे दो।
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मैं कल तुम्हारी दुकान पर आकर। उस मक्खी को भगा दूंगा। मगर जब मैं दुकान पर आऊ तब दुकान पर कोई नहीं हो। तो दुकानदार बोलना आप चिंता ना करें। मैं दुकान पर किसी को नहीं आने दूगा। यह लो अपने एक हजार रुपए। कल मेरे दुकान पर से उस मक्खी को भगा देना। और फिर दूसरे दिन जादूगर ने अपना जादुई पानी लेकर उस मिठाई वाले के दुकान पर गया। वह पानी जिस जीव पर डाल देता वह जीव गायब हो जाता। जादूगर ने दुकान में रहने वाले जादुई मक्खी के ऊपर वह पानी डाल दिया। वह मक्खी गायब हो गई। वाह मक्खी रहती उसी दुकान पर थी। मगर किसी को दिखाई नहीं देती थी। क्योंकि वह मक्खी जादुई मक्खी हो चुकी थी। यह देखकर दुकानदार बहुत खुश हो गया और अपनी दुकान में खुशी-खुशी मिठाई बेचने लगा।