Sunday, December 15, 2019

Rich treasure Akbar Birbal- अमीर का खजाना

Rich treasure Akbar Birbal- अमीर का खजाना
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बीरबल को प्रकृति से बहुत प्रेम था। वो अपना सारा वक्त बाहर खुली हवा में बिताते थे। उनकी सबसे अच्छी जगह शहिंसा अकबर की बागें थी। इन बागो की देखभाल एक मीर नाम का आदमी करता था। मीर और बीरबल बगीचे में दिन भर बातें किया करते थे।  मीर एक शांत आदमी था जो एक सीधी शाधी जिंदगी जीता था। वह अपने में और अपने बागो में खुश रहता था। एक दिन मीर बगीचे में बैठा रो रहा है। तभी उधर से बीरबल निकलते है। बीरबल देखते हैं कि मीर रो रहा है। तो बीरबल मीर के पास जाते हैं। और कहते हैं क्यों रो रहे हो मीर। तो मीर ने कहा क्या बताएं महाराज। हमने अपना सारा खजाना इस पेड़ के नीचे मूंद दिया था। एक मटके में। और जब आज खोदकर देखा तो वो गायब है। तो बीरबल ने कहा तुमने अपना खजाना यहां पेड़ के नीचे क्यों रखा था। घर क्यों नहीं रखा। तो मीर ने कहा महाराज हम अपना सारा वक्त इसी बगीचे में बिताते थे। इसी लिए सोचा कि इसे यही पर  छिपा दे। तो बीरबल ने कहा। जरूर तुम्हें किसी ने यहां खजाना छुपाते हुए देखा होगा।

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तो मीर ने कहा महाराज इस बगीचे में तो। किसी को भी आना मना है। सिर्फ हमारे और तुम्हारे  मंत्रियों और जहांपना के। तो बीरबल ने कहा तुम चिंता मत करो। मैं तुम्हारा खजाना ढूंढ लूंगा। अब बीरबल सोचता है कि जिसे भी इस खजाने के बारे में। नहीं मालूम वह इस पेड़ के नीचे क्यों खोदेगा। एक कटहल का पेड़। तो बीरबल सोचता है और कहता है  कि कोई वैद्य या हकीम इस पेड़ के नीचे खोज सकता है। दवाई बनाने के लिए। और कहता है यह ठीक रहेगा। और दरबार मे जाता है। और कहता है कि हुजूर। जो मंत्री बाग को जाते हैं। उनसे मैं कुछ सवाल पूछ सकता हूं। तो अकबर कहते हैं बिल्कुल पूछ सकते हो। तो बीरबल ने पूछा। कि आप में से कोई भी जल्दी में बीमार हुआ था। तो एक मंत्री कहता है। मै बीमा हुआ था। मेरे गले में खरास  थी। इसीलिए मैं अपनी पत्नी की बनाई हुई आयुर्वेदिक दवा ले रहा हूं। तो बीरबल ने पूछा। आपकी पत्नी को ये आयुर्वेदिक दवा मिली कहां से। तो उस मंत्री ने कहा वह उसकी  मां ने जयपुर से भेजी थी।

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तो बीरबल कहता है। और कोई है जो  जल्दी मे ही बीमार हुआ था। तो एक मंत्री बोला हां मैं बीमार था। मुझे कब्ज की परेशानी रहती थी। और मैं यही के  वैद्य  से आयुर्वेदिक दवा ले रहा था। तो बीरबल ने कहा वह कौन वैद्य है। उन्हें बुलाया जाए। तो मंत्री जाता है और  वैद्य को ले आता है।  बीरबल उससे कहते हैं। आपने इनको दवा दी थी। इनकी कब्ज की परेशानी दूर हो गई है। क्या आप मुझे भी वो दवा देंगे। मैं भी कब्ज से परेशान रहता हूं। तो  वैद्य ने कहा हां क्यों नहीं। हम ऐसी दवा देंगे जिससे आपकी। कब्ज की प्रॉब्लम जड़ से खत्म हो जाएगी। तो बीरबल ने कहा  तुम यह दवाई इतनी अच्छी बानाते किस चीज से हो। तो  वैद्य ने कहा यह बात किसी और ने पूछी होती। तो मैं हरगिज़ नहीं बताता। लेकिन आप पूछ रहे हो तो बताता हूं। वैद्य ने कहा। इसको बानाने के लिए हमे। चाहिए कटहल की जड़ का अर्क। तो बीरबल ने कहा कटहल की जड़ का अर्क इतनी जल्दी कहां मिलेगा। लगता है मैं ज्यादा देर तक कब्ज से परेशान रहूंगा। तो वैद्य ने कहा।
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नहीं आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। कटहल का पेड़ शहिंसा के शाही बाग में ही है। तो बीरबल समझ गया। कि खजाना इसी ने चुराया है। और उससे कहते है। वेद मैं तुमको एक मौका दूंगा। मीर के पैसे वापस करने का। जो बागो का माली है। और वह पैसे आपको उस पेड़ के नीचे मिले है। वैद्य कहता है महाराज हमें माफ कर दो। जब मै जड़ी-बूटी उस पेड़ के नीचे खोद रहा था। तब हमें वो खजाना उस पेड़ के नीचे मिला  मैंने सोचा बहुत दिनों से  अंदर पड़ा है। और मैं उसे घर ले आया। तो बीरबल ने कहा ठीक है। मैं तुम्हें सच बोलने पर माफ कर रहा हूं। अब मीर को बीरबल बुलाते हैं। और उससे पूछते हैं। कि उस मटके में कितने पैसे थे। तो मीर कहता है जनाब उसमें 75 सोने की अशरफिया थी। तो बीरबल कहता है। मीर तुमको तुम्हारा खजाना मिल जाएगा। लेकिन 10 अशरफिया कम। तुम्हारी बेवकूफी पर। वह 10 अशरफिया वैद्य जी को दी जाएगी सच बोलने पर। अकबर ने कहा आपने यह पता कैसे कर लिया। कि वैद्य ने खजाना चुराया है। तो बीरबल ने कहा। हजूर वैद्य जी के ही पास कोई कारण हो सकता है। कटहल के पेड़ के नीचे खुदाई करने का। वरना और कोई तो फल तोड़ता जड नहीं ।